Saturday 30 December 2017


हर आवाज मे थी महिला सशक्तिकरण की परिभाषा
नगर मे पहली बार आयोजित  महिला प्रगति उत्सव
देवगढ़ नगर मे बुधवार से  पीएमकेवीवाय कोशल विकास केंद्र पर तीन दिवसीय प्रगति उत्सव का शुभारंभ हुआ कार्यक्रम मे अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती को दीप प्रज्वलन कर प्रारम्भ किया गया नगर मे पहली बार आयोजित हो रहा महिला प्रगति उत्सव सामाजिक परिवर्तन के कई पहलुओ को छु गया इस आयोजन मे नगर ओर ग्रामीण क्षेत्रो की आस पास की 200 महिलाओ ने भाग लिया कार्यक्रम मे कृष्णा एंड ग्रुप ने स्वागत गान गया कार्यक्रम में महिलाओ 
ने नारी सशक्तिकरण के संदर्भ में रंगारंग सांस्कृतिक ओर सामाजिक मुद्दो पर प्रस्तुति दी।  जिनमे ग्रुप डांस मे डिंपल एंड ग्रुपने नारी शक्ति हु दुनिया बदल सकती हु मधुलता एंड ग्रुप
, ओ रि चिरिया नन्ही सी चिड़िया , एकल नृतीय मे अंजु खोखर ने मे भी छू सकती हूं आकाश…. मौके की है मुझे तलाश! एवं  भावना, प्रियंका,परी, जारा, हिमांगी, आशुभाषण मे, सविता, किरण वैष्णव, कृष्णा शर्मा, कविता मे पूजा कुमारी ने बोला की रोशनी उगाने के लिये एक जतन और सखी,एक जतन और सामाजिक परिवर्तन के खिलाफ जब सैकड़ों महिलाओं ने एक मंच पर अपनी एकजुटता दिखाई तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा ओर कमला सेरसिया तारा कंवर आदि मे अपनी प्रस्तुतिया दी

महिला सशक्तिकरण पर केन्द्रित नाटक का मंचन
गनी एंड ग्रुप ने दिया आवेग पूर्ण अभिनय ओर मार्मिक संवाद
नाटक का मंचन कुछ इस तरह से हुआ की नारी की सामाजिक अराजकता की मार्मिकता बया कर गए मार्मिक संवादो को आवेग पूर्ण अभिनय से बया करने ओर नाटक की विषय वस्तु को गहरा करने के लिए कविताओ का सही प्रसंग मे इस्तेमाल किया गया नाटक के मंचन से नारी शक्ति के अनेक रूपों को दिखाया उन्होंने पेश किया कि स्त्री कमजोर नहीं है। अगर वह चाहे तो विश्व का निर्माण कर सकती हैं और अगर उसकी अस्मिता को ठेस पहुंची तो वह सर्वनष्ट भी कर सकती हैं।

नाटक की कुछ उलेखनीय संवाद
1-      एक शोषण मुक्त ओर घेर बराबरी से मुक्त समाज होगा
2-      पढ़ी लिखी नारी करती है घर मे उजयारी
3-      महिला शक्ति आज की परिभाषा
      सामाजिक परिवर्तन के खिलाफ जब सैकड़ों महिलाओं ने एक मंच पर अपनी एकजुटता दिखाई
कार्यकम की मुख्य संयोजक निशा चुण्डावत ने बताया की इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला की अस्मिता का बोध करवाना है। उन्होंने कह कि महिला स्वयं अपने महत्व व क्षमताओं का बोध करे जिससे वह पने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके। उन्होंने कहा कि लिंग अनुपात में असमानता के पीछे समाज की संकीर्ण मानसिकता है। नैतिक मूल्यों में गिरावट व महिलाओं से संबंधित बढ़ते अपराध से इस तरह की सोच में बढ़ोतरी हो रही है। इस मौके पर 'तू है शक्ति' नाटक से दिया महिला सशक्तीकरण का संदेश दिया गया। वहीं, महिलाओं के सवालों के जवाब भी दिए गए। इस अवसर पर नरेंद्र सिंह चुण्डावत,  महेश पालीवाल, वंदना सेन, ललित पालीवाल, किरण गोस्वामी, भावना पालीवाल, हेमलता कसेरा, हंसा वैष्णव, उषा नरनिया, नीतू राजपूत,  मोनिका पोरवाड़, तन्वी उपाध्याय, दीपिका वैष्णव, ज्योति पँवार, श्याम कंवर, लोकेश चुण्डावत,  फरजना, फरजाना, रेशमा बानो, चंदा जेलिया, गंगा कंवर, राधा रेगर, नविना, जगराती डाक, शमीम, साहिस्ता, शिखा सोनी, भावना सुखवाल, डिंपल उपाध्याय , प्रियंका सोनी, रूपलता सोनी  कन्हैया साहू, प्रवीण, प्रकाश आदि उपसतिथ  थे

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